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बेरोजगारी की समस्या पर निबंध। बेरोजगारी की समस्या और समाधान।। Berojgari ki samasya esaay in hindi।

बेरोजगारी की समस्या पर निबंध। बेरोजगारी की समस्या और समाधान।। Berojgari ki samasya esaay in hindi।

देश चाहे कोई भी हो , उसमे समस्याएं हमेशा रहती है। कोई भी ऐसा देश नहीं है जहां कोई समस्या ना हो। आज के इस नए दौर में भारत के सामने भी बहुत सारी समस्याएं है, जैसे कि आतंक वाद , महंगाई, बेरोजगारी ओर भी बहुत सी। आज हम बात करते है बेरोजगारी के बारे में, जो कि धीरे धीरे अपना विशाल रूप धारण कर रही है।।

बेरोजगारी की समस्या पर निबंध। बेरोजगारी की समस्या और समाधान।। Berojgari ki samasya esaay in hindi।

बेरोजगारी की समस्या:: भूमिका

आज हम जहा भी देखते है, हमें अपने आस पास चोरी, लूटमार, जैसी खबरे देखने को मिलती है। आज के समय में बहुत से लोगो के पास कोई भी रोजगार नहीं है। बेरोजगारी की समस्या ने भारत जैसे विशाल देश को अंदर ही अंदर खोखला कर दिया है। आज रोजगार के लिए देशभर में हल्ला हो रहा है। रोजगार की मांग की जा रही है।

इस समस्या का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी, उस समय जब वे रुड़की विश्व विद्यालय में पूर्ण रूप से प्रशिक्षित इंजीनियर को उपाधि देने गई थी, ओर जब वे भाषण के लिए खड़ी हुई तो वहां मौजूद लगभग 1000 इंजीनियर ने एक साथ कहा था कि " हमें भाषण नहीं , नोकरी चाहिए।" उस समय इंदिरा जी के पास भी कोई जवाब न था ।


देश में बेरोजगारी के प्रमुख कारण::

1. जनसंख्या वृद्धि ':

 भारत में जनसंख्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। आज भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा जनसंख्या वाला देश है। सालभर में जहां एक तरफ जितने व्यक्तियों को रोजगार मिलता है, उससे कई गुणा व्यक्ति बेरोजगार हो जाते है। अनेक उपायों के बाद भी जनसंख्या बढ़ती जा रही है। जनसंख्या के साथ साथ बेरोजगारी भी बढ़ती जा रही है।।


2. शिक्षा प्रणाली में कमी':

 देखा जाए तो भारत की शिक्षा प्रणाली दोषपूर्ण है साथ ही साथ इसने बहुत सी कमिया भी है। अंग्रेजो ने भारत में ऐसी शिक्षा केवल ओर केवल क्लर्क के लिए लागू की थी। परन्तु समय के साथ साथ अनेक बदलाव आए है। इसीलिए समयानुसार शिक्षा प्रणाली में भी बदलाव होना चाहिए। एक बार जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि " साल भर में लगभग 9 लाख लोग नौकरी के लिए तैयार हो जाते है, लेकिन हमारे पास नौकरी शतांश के लिए भी नहीं है। हमें बी ए नहीं चाहिए, वैज्ञानिक ओर तकनीक चाहिए।"" देखा जाए तो ये कथन सर्वथा हमारी शिक्षा प्रणाली पर आघात करता है।


3. कारखानों, घरेलू कामों को गिरावट': 

येे बात सच है कि प्राचीन समय मै भारत के लगभग हर घर में कोई ना कोई काम होता था,जो उनका घरेलू उद्योग होता था। चाहे वो चरखा चलाने का काम हो,या सिलाई, कढ़ाई या बुनाई । परन्तु समय के साथ ये खत्म होते जा रहे है।आज के समय में ये भारत का काला सच है कि पढ़े लिखे लोग भूखा मरना पसंद कर लेंगे ,लेकिन वे लोग मजदूरी नहीं करेंगे। वे लोगो से डरते है कि कोई उन्हें पढ़ा लिखा मजदूर ना कह दे। यह बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण है।


4. धार्मिक व सामाजिक सोच ':

 आप लोगो मे से चाहे ये बात कुछ को बुरी लग सकती है लेकिन धार्मिक ओर सामाजिक सोच भी बेरोजगारी को बढ़ावा देती है। पहले लोग साधु संत को पुण्य कार्य समझकर दान दिया करते थे। लेकिन आज दान की प्रवृति के कारण बहुत से लोग मांगने का कार्य करने लगे है, क्योंकि उन्हें बिना कुछ करे ही खाने को मिल रहा है। 

दूसरा हमारा समाज भी इसका कारण है, अकसर हम देखते है की कोई बड़े वर्ग का व्यक्ति कोई छोटा काम नहीं करता है, भले ही वो खाली बैठा हो। लेकिन ये सामाजिक सोच बेरोजगारी को बढ़ावा देती है।।।


बेरोजगारी को दूर करने के उपाय

बेरोजगारी को दूर करने का सबसे बड़ा उपाय है जनसंख्या वृद्धि को रोकना। बढ़ती हुई आबादी को रोकने के लिए सरकार को चाहिए कि वो सख्त से सख्त कदम उठाए। विवाह की आयु का नियम कठोर करे। साथ ही साथ हमें अपनी शिक्षा प्रणाली को भी सुधारना होगा । क्योंकि बिना अच्छी शिक्षा प्रणाली के हम आत्मनिर्भर नहीं बन सकते।


दूसरी तरफ सरकार को चाहिए कि वह लघु उद्योग ओर घरेलू कामों को प्रोत्साहन दे। समान ओर धन की कमी के कारण गावों शहरों में बड़े बड़े कारीगर भी बेकार में बैठे रहते है। अगर सरकार उनका साथ दे तो भारत एक उभरता हुआ देश बन सकता है। देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।


उपसंहार

बेरोजगारी की समस्या कोई छोटी समस्या नहीं है , वहीं एक दम से इसे दूर भी नहीं किया जा सकता है। इसीलिए सरकार को इस ओर कदम उठाने होंगे। शायद आने वाली पीढ़ियां रोजगार के साधन जुटा पाए, ओर इस बेरोजगारी को समस्या से वे बच पाए। अगर ऐसा होता है तो निश्चय ही देश का भविष्य उज्जवल होगा।


 

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